Ashok Stambh: भारत में अशोक स्तंभ कहाँ-कहाँ स्थित है? | Ashok Stambh Photo

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क्या है आखिर अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) का मतलब और किसने निर्माण किया था? 

दोस्तों अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) यह दर्शाता है कि सत्य ही सवर्श्रेष्ठ है. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) भारत का राजकीय प्रतीक है. भारत के तिरंगे झंडे में भी आप अशोक चक्र को देख सकते है. भारत के तिरंगे  झंडे में जो अशोक चक्र है. उसमें 24 तीलियां होती हैं. अशोक चक्र बौद्ध धर्मचक्र का चित्रण है. या फिर यूं कहें कि धम्मचक्र परिवर्तन का चित्रण है. अशोक चक्र में मौजूद 24 तीलिया मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाती हैं. दोस्तों पूरे अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को कमल के फूल की आकृति के ऊपर स्थित किया गया है. और इसमें बनाए गए बड़े स्तंभ को लायन कैपिटल कहा जाता है. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) का निर्माण भारत के महान शासक अशोक ने किया था. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को 250 ईसा से पूर्व बनवाया गया था. जो की सारनाथ में स्थित है. सम्राट अशोक मौर्य वंश जो भारत के तीसरे शासक थे. उन्होंने अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) का निर्माण कराया था. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) में चार शेर हैं. किन्तु सामने से केवल इसमें 3 ही शेर हमको दिखाई देते हैं. चूँकि एक शेर की आकृति पीछे की तरफ छिप जाती है. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh)  के ये चार शेर शक्ति, साहत, आत्मविश्वास और गौरव के प्रतीक हैं.

अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) में घोड़ा और बैल की भी आकृति का भी निर्माण किया गया है. घोड़े और बैल के बीच एक पहिया की आकृति भी देखने को मिलती है . अशोक स्तंभ  (Ashok Stambh) की पूर्व दिशा की ओर हाथी, पश्चिम की ओर बैल, दक्षिण की ओर घोड़ा और उत्तर की ओर शेर दिखाई देते हैं. जिनको पहियों के माध्यम से अलग होते दर्शाया गया है. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के निचे के भाग पर भारतीय परंपरा का सर्वोच्च वाक्य मतलब के आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते लिखा हुआ है. इसका ये मतलब है की सत्य की विजय. आपको बता दें कि अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के इस सर्वोच्च वाक्य को मुण्डका उपनिषद से लिया गया है.

 

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आखिर अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) कहाँ-कहाँ स्थित है?

दोस्तों अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) हमारे देश इंडिया में मौर्य सम्राट अशोक के बनवाये गए स्तंभ में से सिर्फ 5 ही स्तंभ बचे है। जिनका चित्रण इस प्रकार है, आइये जानते है.

 

1. अशोक स्तंभ सारनाथ – (Ashoka Pillar Sarnath)

अशोक स्तंभ सारनाथ – Ashoka Pillar Sarnathदोस्तों ये अशोक स्तंभ  (Ashok Stambh) सारनाथ में स्थित है. सारनाथ का ये स्तंभ अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के नाम से प्रसिद्ध है। सारनाथ के इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को भारत ने राष्ट्रीय प्रतीक का रुप घोषित किया है. और आपको बता दे की अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के निचे के भाग में बने चक्र को भारतीय तिरंगे के बीच के भाग में रखा गया है.अशोक स्तंभ Ashok Stambh) पर तीन सामान्य वाक्य लिखे गए हैं. जिनमें से पहला वाक्य अशोक के ही समय का है. और वो ब्राह्मी लिपि में लिखा गया है. जबकि दूसरा लेख कुषाण काल का है. और तीसरा लेख गुप्त काल का है।


2. अशोक स्तंभ प्रयागराज  – (Ashoka Pillar Paryagraj)
अशोक स्तंभ प्रयागराज – Ashoka Pillar Paryagraj

दोस्तों ये अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) प्रयागराज के किले के बाहर बना हुआ है. और प्रयागराज के इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) का निर्माण 16 वीं शताब्दी में सम्राट अकबर ने कराया था. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के बाहर के हिस्से में ब्राह्मी भाषा में अशोक के अभिलेख लिखे हैं. प्रयागराज के इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को 200 ई. में समुद्रगुप्त अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को कौशाम्बी से प्रयाग लाया. और फिर उसके दरबारी कवि हरिषेण ने रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर खुदवाया था. और उसके बाद फिर 1605 ई. में प्रयागराज के इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) पर मुगल सम्राट जहाँगीर के सिंहासन पर बैठने की कहानी भी प्रयागराज के इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) पर लिखी गई है. ऐसा कहा जाता है कि सं 1800 ई. में प्रयागराज के इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को तोड़ दिया गया था . लेकिन सन 1838 में अंग्रेजों ने इस (Ashok Stambh) को  फिर से बनाकर खड़ा करा दिया था।


3. बिहार के वैशाली राज्य में बना अशोक स्तंभ (Ashok Stambh)

अशोक स्तंभ वैशाली

ये अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) बिहार में वैशाली राज्य में बना हुआ है. ऐसा कहा जाता है. कि सम्राट अशोक कलिंग विजय के बाद बौद्ध धर्म का समर्थक बन गया था. और फिर  वैशाली में एक शोक स्तंभ बनवाया गया था. क्यूँकि भगवान बुद्ध ने वैशाली में अपना अंतिम उपदेश दिया था,उन्ही की याद में यह अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) वैशाली का निर्माण किया गया था. वैशाली राज्य में बना ये अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) और स्तंभो से काफी अलग बना हुआ है. स्तंभ के सर पर भूलयुक्त तरीके से एक शेर की आकृति बनी हुई है. और इस शेर की आकृति का मुंह उत्तर दिशा में है. इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को भगवान बुद्ध की अंतिम यात्रा की दिशा माना जाता है. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के बगल में ईंट का बना एक टीला और एक तालाब भी है, जिसको रामकुंड के नाम से जाना जाता है. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) की यह जगह बौद्धों के लिए एक पवित्र स्थान है।

 

4. भारत की राजधानी दिल्ली में बना अशोक स्तंभ (Ashok Stambh)
अशोक स्तंभ दिल्ली (Ashok Stambh)

दोस्तों एक अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में बना हुआ है. दिल्ली का यह अशोक स्तम्भ (Ashok Stambh) 13.1 मीटर ऊंचा है. और पॉलिश किए गये बलुआ पत्थर से बना हुआ. ऐसा कहा जाता है. कि पहले यह अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) मेरठ में बना हुआ था. किन्तु फिरोज शाह तुगलक जब सन् 1364 ईस्वी के आसपास मेरठ आया था. तो वो अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) की खूबसूरती देखकर मोहित हो गया था. और उसके बाद उसने इस मेरठ में बने अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) को तुड़वाकर कर दिल्ली में अपने  किले में स्थापित करवा लिया था।

 

5. सांची में स्थित अशोक स्तंभ,– Ashok Pillar, Sanchi
सांची में स्थित अशोक स्तंभ

दोस्तों ये यह अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) मध्यप्रदेश के सांची राज्य में बना हुआ है. इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) का निर्माण तीसरी शताब्दी में किया गया था. और सांची में स्थित इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) की संरचना ग्रीको बौद्ध शैली से मिली हुई है. सांची के प्राचीन इतिहास के अवशेष के रुप में यह अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) आज भी मजबूत है.और सदियों पुराना होने के बाद भी बिलकुल नया बना हुआ दिखाई देता है. सांची का यह अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) सारनाथ स्तंभ से भी बहुत मिलता जुलता है. सांची में बने इस अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के सिर पर चार शेर बैठे हैं।

 

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और भी जाने

दोस्तों इसके अलावा निगाली सागर और रुम्मिनदेई, लुंबिनी नेपाल, रामपुरवा एवं  लौरिया नंदनगढ़, चंपारण बिहार, लौरिया अराराज, चंपारण बिहार और अमरावती में भी सम्राट अशोक मौर्य के बने स्तंभ मौजूद  हैं।

 

अशोक स्तंभ का इतिहास एवं संपूर्ण जानकारी…. history and full information about Ashoka stambh in hindi। afactshindi – afactshindi