Happy Holi 2022- भारत की वो जगह जहां आज भी होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है पूरा मामला जानकर आपके भी होश उड़ जाएँगे

Holi 2022
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भारत की वो जगह जहां आज भी होली(Happy Holi 2022) का त्यौहार नहीं मनाया जाता है पूरा मामला जानकर आपके भी होश उड़ जाएँगे और आप रह जायँगे हैरान- 

आप सभी जानते है भारत में फिर से होली का त्यौहार आने वाला है और भारतीय नागरिक इस होली के त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मनातें है और बड़ी उत्सुकता से होली का इंतज़ार करते हैं। भारत वासी एक दूसरे के साथ खूब जमकर होली खेलते है और खूब मस्ती करते हैं। होली के दिन जो एक दूसरे के प्रति नाराज़गी या गुस्सा होता है वो सब खत्म करके इस त्यौहार को बड़ी धूम धाम के साथ साथ में मनाया जाता है। किन्तु क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ स्थान ऐसे भी है, की वहां पर होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता। जी हां आपको जानकर हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच है, होली का त्योहार इन जगह पर क्यों नहीं मनाया जाता इसकी वजह भी काफी हैरान कर देने वाली है। तो चलिए आपको बताते हैं कि देश में वो कौन-सी जगह है, जहां होली नहीं मनाई जाती और उसका क्या कारण है…?


क्यों नहीं मनाई जाती झारखण्ड के इस गांव में होली(Happy Holi 2022)-

आपको बता दे की झारखंड के बोकारो के कसमार ब्लॉक स्थित दुर्गापुर गांव में होली नहीं मनाई जाती। इसका कारण बहुत बड़ा है कहा जाता है की होली के दिन दुर्गापुर गांव के राजा के लड़की की मौत हो गई थीं। उसेक बाद वहाँ जब भी होली का आयोजन करने की कोशिश की गई तभी गांव वालों को कभी सूखे का सामना करना पड़ता था, या तो फिर कभी महामारी आ जाती थीं, जिसके कारण वहाँ लोगो की मौत हो जाती थी। एक बार की बात है होली के ही दिन रामगढ़ के राजा के साथ युद्ध हुआ, और उस लड़ाई में राजा दुर्गादेव की मृत्यु हो गई। और ये सदमा रानी बर्दास्त नहीं कर पाई और उन्होंने आत्महत्या कर ली। उसके बाद ये खबर सामने आई की मरने से पहले राजा ने ये आदेश दिया था की दुर्गापुर गांव में कभी होली नहीं मनाई जाए.उस दिन से इस गांव में होली नहीं मनाई जाती है.

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हरियाणा का ये गांव 150 सालों से है होली त्यौहार(Happy Holi 2022) का मनाने से वांछित- 

ये बात है हरियाणा के कैथल के गुहल्ला चीका स्थित गांव की जहाँ पर 150 सालो से होली नहीं मनाई गई। बताया जाता है की यहां 150 साल पहले गांव में एक ठिगने कद के बाबा निवास करते थे। होली के त्यौहार के दिन कुछ लोगों ने उनका मजाक उड़ाया। जिस की वजह से बाबा क्रोधित हो उठे और होलिका दहन की आग में ही कूद गए, और जल कर मर गए। कहा जाता है की मरने से पहले बाबा गांव वालों को ये श्राप दे गए थे कि जो भी नागरिक या आने वाला टूरिस्ट आज के बाद यहां होली का त्यौहार मनाएगा तो उसके परिवार का नाश हो जाएगा। तो इसके बाद से ही हरियाणा के इस गांव में होली(Happy Holi 2022) नहीं मनाई गई। लोगो के दिल में बाबा का वो श्राप भय बन गया.कहा जाता है कि जब गांव वालों ने बाबा से क्षमा मांगी थीं तो बाबा ने कहा था कि अगर कभी आने वाले समय में होली के त्यौहार के दिन ही इस गांव में जब किसी के घर लड़का पैदा होगा और उसी के साथ उसी दिन एक गाय बछड़े को जन्म देगी, तो ये श्राप पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। लेकिन तब से लेकर आज तक ऐसा संयोग नहीं बना। गांव के लोगो में तो श्राप का डर इस कदर है कि वहां के लोग एक-दूसरे को होली के त्यौहार की शुभकामनाएं तक नहीं देते है।

Holi 2022

उत्तराखंड के इस गांव में नहीं मनाया गया बरसो से होली का त्यौहार-

जानकारी के लिए आपको बता की उत्‍तराखंड के क्‍वीली, कुरझण एवं जौंदली गांव में 150 सालों से होली का त्यौहार नहीं मना पाए। ये गांव उत्तराखंड रूद्रप्रयाग के अगस्‍त्‍यमुनि ब्‍लॉक में है। और यहाँ पर होली का त्यौहार नहीं मनाने के कई कारण बताए जाते है। ऐसा माना जाता है कि उत्तराखंड के इस गांव की इष्‍टदेवी मां त्रिपुर सुंदरी देवी हैं, जिनको हुड़दंग और ज़्यादा शोर शराबा पसंद नहीं है। और इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि इस गांव में जब डेढ़ सौ साल पहले वहाँ के लोगों ने होली खेलने की कोशिश की थी तो उत्तराखंड के तीनों ही गांव हैजा की बीमारी की चपेट में आ गए थे। ये मंज़र देख कर सब डर गए थे और फिर उसके बाद किसी ने भी होली खेलने की हिम्मत नहीं की.

 

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गांव में इस घटना के बाद 125 साल से होली का त्यौहार नहीं मनाया गया-

ये घटना है मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई तहसील के डहुआ गांव की। जहाँ पर 125 साल से होली का त्यौहार मनाने की वहां के लोग हिम्मत नहीं जुटा पाए। वहाँ के निवासी का कहना है की प्राचीन समय में लगभग 125 साल पहले होली के दिन इस गांव के प्रधान बावड़ी में डूब गए थे और उसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई थी। इस मृत्यु से गांव वालो को गहरा सदमा पहुँचा और इस घटना का डर उनके ज़हन में बैठ गया .और तब से लेकर आज तक वो होली के दिन होली मनाने से डरने लगे, और अब तो होली न खेलना वहाँ की धार्मिक मान्यता बन चुकी है।.

 

उत्तर प्रदेश के इस गांव में सिर्फ महिलाएं ही मनाती है होली का त्यौहार

ये खबर है उत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव की। यहां इस गांव में सिर्फ महिलाएं ही होली खेलती है होली के त्यौहार के  दिन पुरुष खेतों पर काम करने चले जाते हैं। होली के दिन महिलाएं जानकी नाम के मंदिर में एक साथ जमा होती हैं और होली खेलती हैं। और इस वक़्त लड़कियों, लड़को और बच्चों तक को भी होली खेलने की इजाज़त नहीं होती है। दोस्तों इसकी वजह ये है की पुराने समय में होली के दिन ही यहां मेमार सिंह नाम के एक डकैत ने गाँव के आदमी की हत्या कर दी थी। जिसके डर के कारण लोग होली नहीं खेलते थे। उसेक बाद फिर महिलाओं को होली खेलने की इजाजत मिल गई थीं।

 

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दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको देश के कुछ ही जगहों के बारे में ही बताया है, जहां होली का त्यौहार(Happy Holi 2022) नहीं मनाया जाता और वजह क्या है वो भी। इसके साथ ही अगर आप और मज़ेदार और ज्ञानकारी बातें जानना चाहते है तो हमारी इस वेबसाइट की नोटिफिकेशन को ऑन करें और हमारी इस पोस्ट को दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें और इसके साथ ही दोस्तों आप सभी को होली की ढेरो शुभकामनाएँ।

 

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