क्या आप जानते Mahatma Gandhi जी थे इन पांच औरतों के सबसे करीब
भारत में लगभग कम नागरिक इस बात को जानते है. जैसे कस्तूरबा Gandhi , सरदार पटेल या जवाहर लाल नेहरू. परन्तु Mahatma Gandhi के नज़दीक इसी भीड़ में कुछ ऐसे भी लोग है, जिसके बारे में बहुत काम लोगो को जानकारी है.आज आपको इस पोस्ट में कुछ ऐसी ही औरतों के बारे बतायेंगे जो Mahatma Gandhi के बहुत ही करीब थी. इन औरतों की ज़िन्दगी पर Mahatma Gandhi के विचारों का बहुत असर पड़ा था. ये औरतें भी Mahatma Gandhi के पीछे पीछे चलती रही और अच्छे विचारो के साथ अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ी. Gandhi जी के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, इतना किसी और के बारे में नहीं लिखा गया. Gandhi जी को महात्मा के नाम से पहली बार रविंद्र नाथ टैगोर ने सम्बोधित किया था.तभी से इनको Mahatma Gandhi के नाम से जाना जाने लगा. उसके बाद Mahatma Gandhi को राष्ट्रपति घोषित किया गया है. परन्तु Mahatma Gandhi जी के साथ कंधे से कंधा मिलाने वाली उनकी धरम पत्नी कस्तूरबा थी. Mahatma Gandhi जी की पत्नी हर अच्छे और बुरे वक़त में Mahatma Gandhi जी का साथ देती थी. बहुत कम लोग इनके जीवन के बारे में जानते है. उनका असली नाम भी कोई नहीं जानता. आइये आपको उन पांच औरतों के बारे में बताते है
मणिबेन
मणिबेन एक बहुत ही अच्छी औरत थी. Mahatma Gandhi जी इनसे बहुत प्रसन्न रहते थे. क्यूंकि Mahatma Gandhi जी के साथ समाज सेवा काम काम दिल से करती थी. रात मणिबेन सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुत्री थी. पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल Mahatma Gandhiजी को नहीं जानते थे. परन्तु बाद में उनके कामो से प्रेरित होकर सरदार वल्लभ भाई पटेल भी इनके साथ समाज सेवा में लग गए थे. एक बार Mahatma Gandhi जी ने जन-जन से भारत को आज़ाद कराने के लिए दान की घोषणा की. तो सभी लोग अपना कीमती सामान Gandhi जी को दान में देने लगे सरदार वल्लभ भाई पटेल की बेटी मणिबेन अपने पिता को रात दिन देश की आज़ादी के लिए काम करते और गरीब किसानों और गरीब लोगो हक दिलाने के लिए अंग्रेजों से लड़ता देख बहुत ही खुश हुईं. इनका रहन सहन पहले अंग्रेजों की तरह का था पर बाद में विदेशी हो गया था. Mahatma Gandhi जी के मांग पर मणिबेन ने भी आज़ादी के यज्ञ में दान देने का निश्चय किया. मणिबेन ने अपने सभी गहनों की एक छोटी सी पोटली बनाई, और ये पोटली Mahatma Gandhi जी के हवाले कर दी और कहा के मैं अपने देश को आज़ाद देखना चाहती हूँ.वह भारतीय इतिहास में एक जाना-पहचाना चेहरा है यें आखिरी दो साल ‘सहारा’ बनकर Mahatma Gandhi जी के साथ रही. और ये औरत 17 साल की उम्र में Mahatma Gandhi जी की असिस्टेंट बन गयी और Mahatma Gandhi जी की हत्या तक उनके साथ रही।
सरला देवी चौधरानी
सरला देवी ने ”वंदे मातरम ”राष्ट्रीय संगीत को तैयार किया और उसको गाकर नींद में सोये हुए लोगो भी जगा दिया.ये बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था. और इस संगीत की पहली दो लाइने की धुन रवीन्द्रनाथ टैगोर ने बनाई थी. और बाद का संगीत सरला देवो चौधरानी ने तैयार किया
“वंदे मातरम” संगीत को गाकर सरला देवी ने भारत की राजनीति में प्रवेश किया. इसके साथ इन्होने कलकत्ता में 24 अक्टूबर 1901 को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रदर्शन में आई हुई लड़कियों के साथ ”उठो ओ भारतीय लक्ष्मी” गीत का नेतृत्व किया. एक वक़्त आया जब लोग सरला देवी को Mahatma Gandhi जी की अध्यात्मिक पत्नी कहने लगे. इनकी रूचि लेखन और संगीत में थी. ये रविंद्रनाथ टैगोर जी के भाई की बेटी थी. जब आज़ादी के सेनानी रामभुज दत्त चौधरी जेल में थे तब Mahatma Gandhi जी लाहोर में सरला देवी घर पर ही रहते थे बाद में अचानक से इनका देहांत हो गया और गाँधी जी और सरला देवी के बीच दूरियां आ गई.
सरोजनी नायडू
सरोजिनी नायडू 1914 में पहली बार Mahatma Gandhi जी से मिली थी. और तभी से गाँधी जी के साथ समाज सेवा और देश को आज़ाद करने में लग गई. इन्होने अपना काम बहुत ईमानदारी से किया था. और सरोजिनी नायडू कांग्रेस का अध्यक्ष 1925 में बनाया गया था. और इसके बाद इन्हे1928 में केसर-ए-हिंद से सम्मानित किया गया था. यह पुरुस्कार इनको plague की महामारी के दौरान इनके अच्छे काम से प्रभावित होकर दिया गया था. ये देश की पहली महिला गवर्नर बनी थी. इन्होंने देश को आज़ाद करने में Mahatma Gandhi जी के साथ कंधे से कंधा मिला कर कड़ा संघर्ष किया. सरोजिनी नायडू और Mahatma Gandhi जी के गहरी दोस्ती थी. इनकी दोस्ती की शुरुआत लन्दन में हई थी. सरोजिनी नायडू बंगाली भाषा में कवितायेँ लिखा करती थी. Mahatma Gandhi जी के जेल जाने के बाद सारी ज़िम्मेदारियाँ सरोजिनी नायडू पर आ गयी और सरोजिनी नायडू ने अपनी ज़िम्मेदारियाँ बहुत अच्छे से निभाई थी.
राजकुमारी अमृत कौर
राजकुमारी अमृत कौर एक शाही परिवार में रहती थी. राजकुमारी अमृत कौर भारत की राजनेता तथा आज़ाद भारत की पहली आरोग्य मंत्री थीं. वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा समाज सेवा में कार्य करती थीं. वे Mahatma Gandhi की छात्र और 16 साल तक उन्ही के साथ मंत्री बानी रही. राजकुमारी अमृत कौर की सारी पढ़ाई इंग्लैंड में हुई. ये Mahatma Gandhi जी की सबसे अच्छी सत्यग्रहियों में से एक है. पहली मुलाकात इनकी 1934 में हुई और बाद में Mahatma Gandhi जी ने और राजकुमारी ने एक दूसरे को बहुत खत लिखे। भारत छोड़ो आंदोलन में राजकुमारी जी जेल भी गयी थी आज़ाद भारत की सबसे पहली स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर बानी। Mahatma Gandhi जी ने इनके लिए खतों में ”बागी” और ”प्यारी पागल” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है. इनको ‘वर्ल्ड हेल्थ असेम्बली’ की अध्यक्षवर्ष 1950 में चुना गया था. और 1957 तक आज़ाद भारत की स्वास्थ्य मंत्री के पद पर बैठी रहीं।
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आभा Gandhi
Mahatma Gandhi जी पर रचे साहित्य को पढ़ने के लिए आभा और मनु ये दो नाम बहुत ही प्रमुखता से मिलते है आभा बंगाली थीं. और इनकी शादी भारतीय पुरुष से हो गयी जो महात्मा गाँधी जी के परपोते थे. जिनका नाम कनु भाई Gandhi था. Mahatma Gandhi जी की सभा में कनु फोटो शूट करते थे. और आभा जी भजन गया करती थी आभा जी गाँधी जी साथ ही रहती थी जब नाथूराम गोडसे ने Mahatma Gandhi को गोली मारी थी. तब आभा जी Mahatma Gandhi जी के साथ ही थी. आभा जी Mahatma Gandhi जी के मित्रों में से एक मित्र थी. बाद में आभा की शादी Mahatma Gandhi के परपोते कनु भाई Gandhi से हुई. Gandhi की प्रार्थना सभाओं में आभा भजन गाती थीं और कनु फोटो-ग्राफी करते थे.1940 की सारी तस्वीरें कनु भाई गाँधी जी ने ही खींच रखी है और इन तस्वीरों में आभा जी Mahatma Gandhi जी साथ ही दिखाई दे रही है.
Mahatma Gandhi ने क्या गलत किया?
Mahatma Gandhi ने अपने लेख ‘चौरी चौरा का काण्ड में 16 फरवरी 1922 को Gandhi जी ने लिखा कि अगर ये आंदोलन वापस नहीं लिया गया, तो दूसरी जगहों पर भी ऐसी घटनाएं होंगी Mahatma Gandhi ने इस घटना में शामिल लोगों को पुलिस के हवाले करने को कहा क्योंकि Mahatma Gandhi ने खुद अपराध किया था।
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