शेयर बाजार में शेयर क्या है समझे आसान तरिके से

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शेयर क्या है समझे आसान तरिके सेशेयर बाजार में शेयर क्या है समझे आसान तरिके से

शेयर बाज़ार में ‘शेयर’ एक कंपनी में स्वामित्व का प्रतीक यानि के सिंबल होता है। जब कोई कंपनी सार्वजनिक यानि के पब्लिक होती है, तो वह पब्लिक को शेयर जारी करती है, जिसके माध्यम से व्यक्ति और संस्थान उन्हें खरीद सकते हैं। शेयर खरीदने के बाद, इन्वेस्टर कंपनी के आंशिक यानि के एक हिस्से के मालिक बन जाते हैं और कंपनी की संपत्ति और कमाई के हिस्सेदार बन जाते हैं। शेयर आमतौर पर छोटे यूनिट्स में बटे होते हैं ताकि जो कम और ज्यादा बजट वाले निवेशकों हैं. उनकी मांग को पूरा किया जा सके. उदाहरण के लिएबताते हैं एक कंपनी लाखों या बिलियनों शेयर पुब्लिक सकती है, और निवेशक अपनी योग्यता के अनुसार किसी भी संख्या के शेयर खरीद सकते हैं. शेयरों की ओनरशिप इन्वेस्टर्स को कई लाभ प्रदान करती हैं। जैसे, कंपनी का मालिक  शेयरधारकों को पूंजी के वृद्धि या डिविडेंड के माध्यम से निवेश पर लाभ कमाने की संभावना होती है। यदि कंपनी का प्रदर्शन अच्छा होता है और उसका शेयर मूल्य बढ़ता है, तो शेयरधारक अपने शेयरों को उच्च मूल्य पर बेचकर लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ कंपनियाँ निधियों के रूप में अपने लाभ का एक हिस्सा शेयरधारकों को वितरित करती रहती हैं, जो आमतौर पर नियमित अंतराल पर दिए जाते हैं।  शेयरों के साथ निवेशकों को कुछ अधिकार भी मिलते हैं। आमतौर पर सामान्य शेयरधारकों को मतदान का अधिकार होता है, जिससे वे महत्वपूर्ण कंपनी निर्णयों में भाग ले सकते हैं, जैसे कि निदेशक मंडल का चुनाव करना या प्रमुख कार्यों को मंजूरी देना। विशेषाधिकारी शेयरधारकों को सामान्य शेयरधारकों की तुलना में प्राथमिकता मिल सकती है, जैसे कि डिविडेंड प्राप्त करने की प्राथमिकता या लिक्विडेशन के मामले में प्राथमिकता।

शेयरों की मूल्य में कई कारक प्रभावित करते हैं, जैसे कि कंपनी का प्रदर्शन, बाज़ारी माहौल, निवेशकों के भावनात्मक संगठन और आर्थिक संकेतक। शेयरों की कीमतें आपूर्ति और मांग के आधार पर फ्लक्चूएट करती हैं। निवेशक ब्रोकरेज खाते या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से शेयर खरीद और बेच सकते हैं, जिसे स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से संचालित किया जाता है. ध्यान देने योग्य है कि शेयरों में निवेश करने के साथ कुछ जोखिम भी जुड़ते हैं। शेयरों की कीमतें कम या ज्यादा हो सकती हैं और यदि कंपनी का प्रदर्शन खराब होता है या यदि बाज़ारी स्थितियाँ बिगड़ जाती हैं, तो निवेशक को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए, शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले पूरा अध्ययन करना, निवेशों का विविधीकरण करना और निवेश क्षमता का विचार करना सलाहकार मांगना सही है।

 

शेयर कई प्रकार के होते हैं।

सामान्य शेयर (Common Shares): सामान्य शेयर अधिकांशतः कंपनी के स्वामित्व का प्रतिष्ठान रखते हैं। इन शेयरधारकों को मतदान का अधिकार होता है और वे अधिकारिक निधि प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास किसी कंपनी के सामान्य शेयर हैं, तो आप कंपनी के महत्वपूर्ण निर्णयों में मतदान कर सकते हैं और यदि कंपनी का कोई निधि वितरित किया जाए, तो आपको भाग मिलेगा।

प्राथमिकता शेयर (Preferred Shares): प्राथमिकता शेयरधारकों को सामान्य शेयरधारकों की तुलना में कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। ये विशेषाधिकार डिविडेंड प्राप्ति या लिक्विडेशन के समय प्राथमिकता के रूप में हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास किसी कंपनी के प्राथमिकता शेयर हैं, तो आपको सामान्य शेयरधारकों से पहले डिविडेंड मिलेगा और यदि कंपनी दिवालियापन की स्थिति में हो तो आपको कंपनी की संपत्ति पर प्राथमिकता मिलेगी।

एड़ीपीआर शेयर (ADR Shares): एड़ीपीआर (American Depository Receipt) शेयर विदेशी कंपनियों के शेयरों का प्रतिष्ठान रखते हैं और ये विदेशी निवेशकों को उनके देश के बाहर निवेश करने की सुविधा प्रदान करते हैं। यदि किसी विदेशी कंपनी ने एड़ीपीआर शेयर जारी किए हैं, तो विदेशी निवेशक उसे खरीद सकते हैं और इसके माध्यम से उस कंपनी के हिस्सेदार बन सकते हैं।

इंडेक्स फंड शेयर (Index Fund Shares): इंडेक्स फंड शेयर इंडेक्स में सूचित रहते हैं और इंडेक्स फंड के माध्यम से निवेश करने वाले निवेशकों को विभिन्न कंपनियों के हिस्सेदार बनने की सुविधा प्रदान करते हैं। इंडेक्स फंड शेयर आमतौर पर बड़े संगठनों या बैंकों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं और उन्हें निवेशकों को खरीदने की और बेचने की सुविधा प्रदान की जाती है।

यह केवल कुछ मुख्य शेयर के प्रकार हैं, और शेयर बाज़ार में अन्य भी प्रकार के शेयर मौजूद हो सकते हैं जो विभिन्न विशेषाधिकार और विशेषताओं के साथ आते हैं।

 

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