औरंगजेब बहुत मामूली टुच्चा कट्टरपंथी रूढ़िवादी और जातिवादी था उसने पिता पर जुल्म, दारा-शिकोह समेत भाइयों रिश्तेदारों के कत्लेआम के साथ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण और कत्लेआम और अपनी बेटी तक को नहीं बख्शा था
औरंगजेब की सबसे दुलारी बेटी जेबुन्निसा औरंगजेब से बिलकुल अलग थी वो अपने बाप से बहुत नफरत करती थी और उसके खिलाफ बगावत कर बैठी जिसकी उसे भयानक सजा मिली
जेबुन्निसा की शादी सुलेमान से बचपन में ही तय हो गई थी. सुलेमान उन्हीं दारा शिकोह का बेटा था जो मुग़ल सल्तनत के वैध उत्तराधिकारी थे .औरंगजेब ने ग्वालियर किले में सुलेमान की बुरी तरीके से हत्या करवा दी.ताकि सत्ता उसको न दें पड़े
सुलेमान की मोत के सदमे में जेबुन्निसा कविताए लिखने लगी वक़्त के साथ जेबुन्निसा की बगावत औरंगजेब को चुभने लगी. जेबुन्निसा का कविताओं को लिखने और तरन्नुम में गाने का शौक, अन्य धर्मों में बेटी की दिलचस्पी को भला औरंगजेब कैसे बर्दाश्त कर पाता.
शायरी करते हुए जेबुन्निसा की अकील खां नाम के शायर से मोहब्बत.हो गई जब यह बात औरंगजेब, तक पहुंची वह आगबबूला हो गया. और उसने अकील खां को दिल्ली के सलीमगढ़ किले में हाथी से कुचलवाकर मार डाला.पाता.
औरंगजेब ने अपनी बेटी को सलीमगढ़ किले में कैद करने की सजा दी.जेबुन्निसा ने 20 साल तक किले में शाही कैदी का जीवन बिताया.जेबुन्निसा.ने सैकड़ों शायरी और रुबाइयां लिखीं.