लेकिन अगर कहा जाए कि वो जिस रखैल पर फिदा था उस पर ही उसका पोता भी तो विश्वास करना बहुत मुश्किल होगा
जब जहांदार शाह को मुगल साम्राज्य की कमान मिली तो उसने अपनी रसिकमिजाजी की किसी भी हसरत को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी
लाल कुंवर जो मुग़ल हरम की रखैल थी उसने जैसे औरंगजेब को उसने अपनी खूबसूरत और जवानी दिखा के काबू में किया हुआ था
वैसे ही उसने बाद में अपनी जवानी दिखा के के उसके पोते जहांदार शाह पर भी जादू कर दिया था
ऐसा कहते हैं कि जब पहली बार जहांदार शाह ने लाल कुंवर को गाते सुना तो उसे गोद में उठा लिया