मुग़ल राजाओं के खतरनाक कानून रंग में नहीं शराब में डूबा कर मनाते थे होली

 मुगल बाबर ने जब पहली बार लोगों को होली खेलते देखा तो चौंक गया कि कैसे हिन्दुस्तानियों के लिए होली रंगों का उत्सव है

मुगल वैसे तो बहुत कट्टर थे लेकिन उनमे रंगों के लिए चाहत कम नहीं थी. उनके दौर में भी होली को खास अंदाज में खेला जाता था

मुग़ल होली को ईद-ए-गुलाबी और आब-ए-पाशी कहते थे . मुगल काल में मनाई जाने वाली होली में मुस्लिम भी हिस्सा लेते थे

बाबर ने जब देखा कि हिन्दुस्तानी लोग रंगों से भरे हौदिया में लोगों को उठाकर पटक रहे हैं

होली के दिन अकबर अपने महल से बाहर आते थे और हर आम शख्स के साथ होली खेलते थे

जहांगीर के दौर में भी होली के मौके पर संगीत की विशेष महफिलों का आयोजन होता था

शाहजहां भी होली का उत्सव धूम धाम के साथ मनाते थे .उन्होंने ने ही होली को ईद-ए-गुलाबी और आब-ए-पाशी नाम दिया था