नूर बाई अपनी बेपनाह खूबसूरती और अदाओं के कारण मशहूर थी

 नूर तवायफ के चर्चे मुगल बादशाह नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह तक पहुंचे

धीरे-धीरे नूर बाई की पहुंच सीधे बादशाह तक होने लगी लोग उसकी खूबसूरती के कायल थे

मुगल बादशाह उस का बहुत ही दीवाना हो गया दोनों में नज़दीकिया बढ़ती गई . 

शराब और शबाब में डूबा रहने वाला बादशाह भी नूर बाई का कद्रदान हो गया. नूर बाई ने इसका फायदा उठाया

नूर बाई को पता चला कि बादशाह अपनी पगड़ी में हीरा रखते हैं. नूर के मन में लालच पनपने लगा.

1739 में ईरानी बादशाह नादिर शाह ने सल्तनत के रंगीला से सिंहासन छीन लिया

दरबार में मजमा लग गया और नादिर शाह ने कमान वापस देने और शांति समझौते को कहा 

लेकिन नादिर ने शर्त रखी पगड़ी बदलने की. बादशाह ने पगड़ी बदलने की बात पर मुंह बंद रखा

और ये सब रचा था नूर बाई ने.नूर बाई ने ही नादिर को बताया कि दुनिया का सबसे नायाब हीरा बादशाह की पगड़ी में है.

इस तरह मुगल बादशाह के हाथ से कोहिनूर चला गया जो उसके लिए किसी बेशकीमती खजाने से कम नहीं था.