राजपुत ने इसके खिलाफ हथियार उठा लियें, पंजाब में सिखों से विद्रोह कर दिया और जाट और बुन्देले भी औरंगजेब से लोहा लेने को तैयार हो गये
ये लोग लाखों की संख्या में आक्रमण करते थे तो जीत जाते थे, और जाहिर है, ऐसी शक्ल और हालत के साथ इनसे किसी का बाल भी बांका ना हो पाता