मुगल हरम में महिलाएं यौन सुख, मानवाधिकार, और आजादी से महरूम थीं।
महिलाएं बीमार होने का नाटक करती थीं, ताकि चिकित्सक से मिल सकें।
जब चिकित्सक उनसे मिलने आए तो वह नब्ज दिखाने के बहाने उसको छू सकें,
परदे से ही चिकित्सक को हाथ बढ़ाना पड़ता था, महिला उसका हाथ धीरे से काटती और चूमती थी.
कुछ महिलाएं तो चिकित्सक के हाथों को अपने स्तनों तक ले जाती थीं.
कुछ महिलाएं हरम के अधिकारी के साथ जान जोखिम में डालकर यौन संबंध बना डालती थीं।
औरतों को हरम छोड़कर जाने
की इजाजत नहीं थी. बाद
शाह का दिल हुआ तो उनको यौन सुख मिल पाता था. वरना नहीं
हरम में शाही खजाने, मुहर, और जरूरी कागजात भी रखे होते थे। रानियों के लिए हर दिन नए कपड़े लाए जाते थे
रानियां आतिशबाजियां, मुर्गों की लड़ाई, तीरंदाजी और कहानी सुनकर दिन गुजारती थीं।
महिलाएं मानवाधिकार और आजादी की चाहत में रहतीं।
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