पहला चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लाना। तीसरा लक्ष्य, जिसमें सीधे चंद्रमा पर प्रयोग करना शामिल है
चंद्रयान -3 रोवर ने तापमान का पता लगाया वैज्ञानिक बीएचएम दारुकेशा ने कहा, “हम सभी मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है
27 अगस्त को, चंद्रमा की सतह पर चलते समय, चंद्रयान -3 रोवर को 4-मीटर व्यास वाले गड्ढे के सामने आने पर एक बाधा का सामना करना पड़ा। इसरो के एक अपडेट में कहा गया कि गड्ढा अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित था
चंद्रयान -3 रोवर ने ये भी पता लगाया की जिस तरह धरती पर भूकंप की वजह से धरती कांपती है, उसी तरह चांद पर भी भूकंप आता है
30 अगस्त को, चंद्रयान -3 के ‘प्रज्ञान’ रोवर पर लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर की उपस्थिति की ‘स्पष्ट रूप से पुष्टि’ की
एल्युमीनियम (Al), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम (Ti), मैंगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si), ऑक्सीजन (O) जैसे अन्य तत्वों का भी पता लगाया जाता है।
जब विक्रम और प्रज्ञान अपने 14 दिन के मिशन को पूरा कर लेंगे, तब NASA का पेलोड लेजर रेट्रो-रिफ्लेक्टर ऐरे (LRA) ऐक्टिव होगा। यह चांद पर किसी भी ऑब्जेक्ट को ट्रैक करने में काम आएगा।